उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार 3 साल बाद आया फैसला, हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, सौरव भास्कर और अंकित गुप्ता को कठोर आजीवन कारावास की सजा

2025-05-31 00:20:00

कोटद्वार

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार 3 साल बाद फैसला आ चुका है। 3 साल बाद आज कोर्ट के द्वारा अंकित भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, सौरव भास्कर और अंकित गुप्ता को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है साथ ही जुर्माना और जुर्माना न देने के आवाज में एक साल और सजा काटने की सजा दी गई है। अंकित भंडारी हत्याकांड में भले ही समय ज्यादा लगा हो लेकिन कोर्ट का फैसला जन भावनाओं के अनुरूप आया है।

उत्तराखंड के चर्चित हत्याकांड अंकित भंडारी में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है है। कोर्ट ने हत्या साक्षी मिटाने छेड़छाड़ और अनैतिक देह व्यापार में आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर, अंकित गुप्ता को अलग-अलग धाराओं में सजा देकर जुर्माना भी लगाया है। 2022 में हुए इस जगह हत्याकांड में आज 3 साल बाद फैसला सुनाया गया है इसके बाद उत्तराखंड की जनता ने कोर्ट के फैसले का सम्मान किया है और जनहित का बताया है। आपको बता दें कि 18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी का मर्डर हुआ था मर्डर के 24 घंटे के भीतर आरोपियों को सलाखों के पीछे डालने का काम किया गया था यह हत्या यह केसर ब्लॉक स्थित वनतारा रिजॉर्ट में हुई थी जिसमें रिस्पेशन का कार्य कर रही अंकिता भंडारी को पुलकित आर्य और उसके दो दोस्त सौरभ ओर अंकित ने नहर में फेंक दिया था। पुलकित आर्य भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद आर्य का बेटा था जिससे यह मामला सियासी रंग में भी रंग गया था। सरकार ने त्वरित गति से एसआईटी टीम का गठन किया एसआईटी टीम ने 500 पेज की चार सीट कोर्ट में दाखिल की जिसमें 100 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे।

कोर्ट का फैसला आने के बाद अंकिता भंडारी के माता-पिता ने फैसले को सही तो माना… लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि अंकिता के हत्यारे को फांसी की सजा कोर्ट के द्वारा सुनाई जाएगी। अंकिता भंडारी के माता-पिता ने कहा कि अगर आरोपियों की फांसी के लिए उन्हें हाई कोर्ट भी जाना पड़े तो वह हाई कोर्ट जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

अधिवक्ता अवनीश नेगी ने कहा कि कोर्ट के द्वारा अलग-अलग धाराओं में इस सजा को सुनने का काम किया गया है साथी कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के द्वारा ₹400000 का मुआवजा अंकित भंडारी के परिजनों को दिया जाएगा।

इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने कहा कि आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी ताकि यह सजा एक नजर बन सकती और महिला अपराध करने वालों को सबक मिल सकता। जबकि भाजपा नेता ने कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए और भाजपा सरकार की यही नीति रही है कि आरोपी को सजा मिल सके।

3 साल के बाद आज उत्तराखंड के बहुत चर्चित हत्याकांड में कोर्ट का फैसला आया है .. जिसके बाद प्रदेश की जनता का न्याय प्रणाली पर भरोसा बढ़ा है। आपको बता दे की आज पूरे देश के निगाह अंकिता भंडारी हत्याकांड पर आने वाले कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी .. जिसमें आरोपियों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।

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