मायावती के मुक़ाबले बेबी रानी मौर्य!!
उत्तराखंड के राज्यपाल पद से हटाकर बेबी रानी मौर्य को बीजेपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर उन्हें उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सक्रिय किया गया है, उसके मायने यह निकाले जा रहे हैं कि बीजेपी लीडरशिप उन्हें राज्य में मायावती के मुकाबले दलित चेहरे के रूप में खड़ा करना चाह रही है.
सियासी गलियारों में तों यहां तक चर्चा है कि उत्तराखंड राजभवन से निकालकर उन्हें राजनीति में सक्रिय करने की एक वजह ये भी है कि 2022 में अगर किन्हीं परिस्थितियों में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में दलित चेहरे कि जरूरत महसूस होती है तो उसके पास एक चेहरा मौजूद रहे.
इसी रणनीति के तहत आजकल उत्तर-प्रदेश में जो होर्डिंग्स लगवाए जा रहे हैं उनमें बेबी रानी मौर्य के नाम के साथ उनकी “कास्ट” भी लिखवाई जा रही है.