विभिन्न संगठनों ने भू-कानून एवं मूल निवास के लिए किया प्रदर्शन

कोटद्वार । उत्तराखण्ड में सशक्त लागू करने के लिए गैर राजनैतिक संगठन, भूतपूर्व सैनिक, छात्र संगठन, महिला संगठन सहित कई प्रमुख संगठन सदस्यों ने तहसील परिसर में एकत्र होकर नारेबाजी कर प्रदर्शन करते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। समस्त प्रदर्शनकारियों ने भू कानून और मूल निवास लागू करने की मांग को लेकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को दो सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेश के निर्माण के 23 वर्ष पूर्ण हो चुके है तथा सशक्त भू-कानून न होने के कारण प्रदेश के बाहरी भू-माफियाओं का कब्जा इस शान्त प्रदेश में बढ़ता जा रहा है।
जहां एक ओर जल, जमीन का दोहन होता जा रहा है वहीं स्थानीय संसाधनों पर बाहरी व्यक्तियों का कब्जा बढ़ता जा रहा है जोकि इस प्रदेश के हित में नहीं है। इसलिये प्रदेश में सशक्त भू-कानून बनाया जाना अति आवश्यक है। पृथक प्रदेश का निर्माण का एक मुख्य कारण रोजगार के साधन उपलब्ध कराना भी था, परन्तु मूल निवास समाप्त होने के कारण स्थानीय बेरोजगारों के रोजगार पर संकट पैदा हो गया है जिस कारण मूल निवास प्रमाण पत्र का शासनादेश होना अति आवश्यक है।
प्रदर्शनकारियों में समिति के अध्यक्ष महेंद्रपाल सिंह रावत, राज्य आंदोलनकारी जसवीर राणा, अनिल खंतवाल, राकेश भंडारी, निवर्तमान पार्षद अनिल रावत, सुखपाल शाह, परवेंद्र रावत, सूरज प्रकाश कांति, गुड्डू चौहान, शिवानंद लखेड़ा, रश्मि पटवाल, दलीप सिंह रावत, अनसूया सेमवाल, नंदन सिंह रावत, सुरेश पाल गुसाईं, देवानंद डोभाल, बलवीर सिंह रावत, विक्रम सिंह राणा, धर्मपाल बिष्ट, मदन मोहन पोखरियाल आदि मौजूद रहे ।