उत्तराखंड: कुत्ते करा रहे लोगों का झगड़ा, समझौतों में उलझे अधिकारी

उत्तराखंड: कुत्ते करा रहे लोगों का झगड़ा, समझौतों में उलझे अधिकारी

ऋषिकेश : झगड़ों की कई वजहें होती हैं। लेकिन, लोग अब मामूली बातों पर भी झगड़ा करने लगह हैं। छोटी-छोटी बातों पर लोगों का झगड़ा हो जाता है। अब पड़ोसियों के बीच कुत्ते भी झगड़ा करा रहे हैं। ऐसे मामले गांवों में भले ही कम हों, लेकिन शहरों में ऐसे मामले खूब आ रहे हैं।

शहरी क्षेत्रों के आसपास के ग्रामीण इलाकों में महंगे कुत्ते मपालने का शौक लगातार बढ़ता जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऋषिकेश में नगर निगम, ग्राम पंचायतों और पुलिस के पास पिछले एक वर्ष में 150 से अधिक ऐसी शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें दो पक्षों के बीच श्वान प्रेम के कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।

अधिकांश मामलों में पड़ोसी अपने कुत्तो प्रेमी पड़ोसी की शिकायत कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा शिकायतें कुत्तों के भौंकने से शांति भंग, काटने, झपटने के अलावा घर और दुकान के बाहर गंदगी करने की होती हैं। इस तरह के मामले भी सामने आ रहे हैं कि लोग कुत्ते को कुत्ता बोलना भी पसंद नहीं करते हैं। इसके बाद विवाद शुरू हो जाता है।

कुत्तों को पालने के कुछ नियम भी हैं। उनका पालन नहीं किए जाने को लेकर भी कुछ विवाद होते हैं। ऐसे मामलों में कुत्ते पालने वालों को भी नियमों का ख्याल रखना चाहिए। पालतु कुत्तों को नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत में पंजीकरण कराना जरूरी है। प्रत्येक साल एक बार वैक्सिनेशन कराना होता है। पंजीकरण नहीं कराने पर 500 रुपये से 5,000 रुपये तक जुर्माना भी देना पड़ता है।

उत्तराखंड: कुत्ते करा रहे लोगों का झगड़ा, समझौतों में उलझे अधिकारी

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